Wednesday, July 24, 2024

सपने बचा लेते हैं

सपने बचा लेते हैं

जब मारता है ज़माना थप्पड़ इन गालों पर...

और मानता है मन कि शायद हम नहीं हैं उन किस्मत वालों में 

तब , 

सपने बचा लेते हैं...

सपने ! ! 

सपने ...जो कई रात सोने नहीं देते 

हौसलों कि चाभी खोने नहीं देते !

जो दिन रात करते हैं सवाल खुद के आत्मविश्वास पर...

कोशिशों और प्रयास पर

मगर ज़माने के सामने कभी ... रोने नहीं देते !


जब थकान में भी भागो तुम और रास्ते में आंधी हो 

जेबें हों खली पर सर्वश्रेष्ठ गाँधी हो...

तब जी चाहेगा रुक जाएँ क्या ? ... थम जाएँ क्या? ... दिल करता है मर जाएँ क्या...

पर तभी सपने बचा लेते हैं !

बस सपने बचा लेतें हैं ... सिर्फ सपने बचा लेते हैं...

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