Friday, July 30, 2010

Sprinkles ....

हर लम्हा हम इंतज़ार करते है उस एक लम्हे के लिए...
जिस लम्हा तुम आकर कहो ...
"एक लम्हा है हमारे पास तुम्हारे लिए....."

गुज़र जाएगी ज़िन्दगी “उस” के “बग़ैर” भी

वो “हसरत-ए-ज़िन्दगी” है “शर्त-ए-ज़िन्दगी” तो नहीं ..!!!





मंजिलें भी उसी कि थी ...रास्ता भी उसकी का था ...
एक मैं अकेली थी काफिला भी उसकी का था ...
साथ साथ चलने कि सोच भी उसी की थी ...
फिर रास्ता बदलने का फैसला भी उसकी का था ...
आज क्यूँ अकेली हूँ दिल सवाल करता है ...
लोग तो उसके थे ही ..पर क्या खुदा भी उसी का था....????








हमसे तो मोहब्बत में कुछ ना हो सका ...
तुमने खैर "बेवफाई" तो की....






बेवफा कह के बुलाया तो बुरा मान गए ..
आइना सामने आया तो बुरा मान गए ...
उनकी हर शाम गुजरती है दिवाली की तरह ...
एक दीप हमने जलाया तो बुरा मान गए ...








सोचा था उन्हें इस कदर भूल जाएँगे ...
देखकर भी उन्हें अनदेखा कर जाएँगे ...
पर आया जब जब चेहरा उनका सामने ...
दिल ने कहा इस बार देख लें,  अगली बार भूल जाएँगे ...




दिल तोड़ कर मेरा वो बोले की मुस्कुराओ तो हम हंस दिए ..
आखिर सवाल उनकी ख़ुशी का था ...
पर उन्हें क्या एहसास है ...?
मैने खोया वो जो मेरा था ही नहीं ...
उन्होंने खो दिया वो जो सिर्फ उन्ही का था...






".........आज जिंदगी को तेरी आरज़ू नहीं है...
पर ऐसा भी नहीं कि तेरा इंतज़ार ना हो ........."



तुझ से अब कोई वास्ता नहीं लेकिन ...

तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुज़रता है ...



किस की क्या मजाल थी जो कोई हमको ख़रीद सकता”,,,

“हम तो ख़ुद ही बिक गए ख़रीदार देख के ”




जो तुम बोलो बिख़र जायें, जो तुम चाहो संवर जायें ...

मग़र यूं टूटना बिखरना बुहत तकलीफ़ देता है !!


माना की ग़म ज़िंदगी का हिस्सा है 

पर जितने मुझे ग़म मिले उतनी तो मेरी उम्र भी नहीं ..



ज़िन्दगी तेरा कोई अहसान नहीं है मुझ पे

मैंने दुनिया में हर एक साँस की क़ीमत दी है ...





No comments:

Post a Comment