Sunday, August 1, 2010

आरज़ू

बातों बातों में अचानक बात तेरी चल गयी ...
दिल के अंधियारे में जैसे फुलझड़ी सी जल गयी ...


यूँ तो थे महफ़िल में सब अपने करीबी यार दोस्त ..
जब तेरा चर्चा हुआ तो तेरी कमी ही खल गयी ...


तेरी दिलकश बातें मुस्कान और जिन्दादिली ...
तेरा हो जाने की दिल में आरजू सी पल गयी ...


मिलते ही तुझसे नज़र बस मिल गयी थी जिंदगी 
बदली जो तेरी नज़र तो जिंदगी भी छल गयी ...


दोस्तों की सब दुआएं निकली शायद बेअसर ..
और किसी एक दिलजले की बददुआ ही फल गयी ...


कुछ फ़साने कुछ हकीक़त कुछ अधूरी हसरतें ...
शाम तेरे संग शुरू हुई तेरे संग ही ढल गयी !!!

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