Sunday, January 22, 2023

इसलिए लिख लेती हूँ

जब मुझे लगता है कि मैं ख़ुद से हार रही हूँ… मैं तब लिखती हूँ जीत जाने के लिए

कभी कभी लिखती हूँ ख़्वाब सजाने के लिए

मैं लिख लेती हूँ कुछ अल्फ़ाज़ अपनी आँखों के आंसू सुखाने के लिए 

और कभी यूँही भी लिख देती हूँ बेवजह मुस्कुराने के लिए

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